नई दिल्ली (शरद प्रकाश अस्थाना/प्रज्ञा शुक्ला)। “मेरे साथ एक ऐप से फ्रॉड किया गया है। मेरे कॉन्टैक्ट का डेटा उनके पास चला गया है और मेरी फैमिली वालों को एडिट करके ऐसी फोटो भेज रहे हैं, जिससे आत्महत्या करने की इच्छा हो रही है।” इस तरह का एक मैसेज विश्वास न्यूज को मेल पर मिला था।
आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में 27 साल के एक युवक ने आत्महत्या कर ली थी। उसका कसूर बस इतना था कि उसने इंस्टेंट लोन ऐप से दो हजार रुपये का लोन लिया था। उसने मूल राशि तो चुका दी थी, लेकिन लोन कंपनी के लोगों ने उसे परेशान करना शुरू कर दिया था। उसकी तस्वीरों को आपत्तिजनक तरीके से एडिट करके उसके दोस्तों को भेज दिया, जिसके बाद उसने सुसाइड कर लिया था।

ऐसा नहीं है कि यह केवल एक-दो शख्स की आपबीती है। ऐसे कितने ही पीड़ित हैं, जो इन फर्जी लोन ऐप के चक्कर में फंसकर इस स्थिति तक पहुंच जाते हैं। इसी तरह के स्कैम का शिकार हो चुके दो पीड़ितों से हमने बात की और कुछ ऐसे ऐप्स के बारे में छानबीन की।
केस स्टडी
पीड़ित 1
राहुल सुथार, प्रतापगढ़, राजस्थान
“मैंने इंस्टाग्राम पर एक रील देखकर टाइमली पर्स लोन ऐप (Timely Purse Loan App) को डाउनलोड किया था। यह एक थर्ड पार्टी ऐप है, जिसके बारे में बताया गया था कि इस पर लोन मिलता है। इसे मैंने चेक किया था, तो इसे करीब एक हजार लोगों ने डाउनलोड किया था। ऐप में मैंने मोबाइल नंबर डालकर उसे वेरिफाई किया। इसके बाद पैन कार्ड, आधार कार्ड और फोटो मांगी गई, जो हमने दे दिए, लेकिन लोन मिला ही नहीं। इसके बाद मैंने उसे डिलीट कर दिया। इसके बावजूद मेरे कॉन्टैक्ट उसके पास चले गए। इसके करीब 7-8 दिन बाद मेरे पास लोन का पैसा जमा करने के लिए फोन आया। मैंने उससे कहा कि कौन-सा लोन, मुझे लोन आईडी दीजिए, मैं पैसे दे दूंगा। उसने मुझे धमकी दी कि आपकी फोटो को एडिट करके कॉन्टैक्ट वालों को भेज दूंगा और लिख दूंगा कि यह फ्रॉड है। उसने कहा कि मैंने 1000 रुपये लोन लिए हैं, फिर वह बोला कि 1500 रुपये लिए हैं। इसके बाद वह कहने लगा कि 500 रुपये दे दो। मैंने उसे लोन आईडी दिखाने को कहा तो उसने क्यूआर कोड भेज दिया। मैंने उसे रुपये नहीं दिए तो उसने मेरे जानने वाले कुछ लोगों को इस तरह का मैसेज भेजा था, लेकिन मैंने उन्हें पहले ही इस बारे में बता दिया था। उसने मुझे मेरे परिवार के कॉन्टैक्ट नंबर डाले थे। मेरे पास इसके अभी हाल में भी इस तरह के फोन आए थे। इस बारे में मैंने 1930 पर कॉल करके शिकायत की थी।”

पीड़ित 2
कीर्ति दुबे, गोरखपुर
“मैं एक टीचर हूं। फाइनेंस से संबंधित कुछ चीजें मैंने गूगल पर सर्च की थी कि मैं कैसे फाइनेंशियल चीजों को मैनेज कर सकती हूं। इस दौरान बार-बार यूट्यूब पर स्कोर क्लाइंब का एक ऐड आ रहा था। उसमें यह लिखा था कि आप किस तरह से फाइनेंशियली खुद को मैनेज कर सकते हो। उसकी रेटिंग अच्छी थी। मैंने बिना रिव्यू देखे उसे डाउनलोड कर लिया। इसके बाद उसे खोलने पर उसने कॉन्टैक्ट, मैसेजेज, कॉल लॉग समेत कई परमिशन मांगी और ओटीपी मांगा। उसे खोला तो उस पर एलिजिबिलिटी चेक करने की विंडो खुली। मैंने उसे क्लिक किया, तो उस पर आया कि आपकी एलिजिबिलिटी 3000 रुपये है। उस पर लोन नहीं लिखा था, बल्कि उस पर चेक योर क्रेडिट स्कोर लिखा था, जो मुझे 3000 रुपये दिखाई गई। उस पर वापस जाने का कोई विकल्प नहीं दिख रहा था, तो मैंने दिए गए निर्देश के अनुसार अपना पैन कार्ड और सेल्फी मोड पर फोटो अपलोड कर दी। फोटो और पैन कार्ड डालने के बाद ऐप ब्लॉक हो गया। इसके 5-6 दिन बाद मेरे अकाउंट में 700 रुपये एक अनजान अकाउंट से आए। 6 दिन बाद मेरे वॉट्सऐप पर धमकी भरे मैसेज आने लगे। डरकर मैंने 600 रुपये भेज भी दिए थे। इसके बाद मैंने ऐप को अनस्टॉल कर दिया, लेकिन मई में मुझसे फिर पैसे मांगे गए। मैंने शाहपुर थाने में इसकी शिकायत की। मैसेज वाले नंबर पाकिस्तान के थे। हद तो तब हो गई, जब मेरे पेरेंट्स के नंबरों पर इस तरह के मैसेज गए और मेरी मॉर्फ्ड तस्वीरें गई। मेरी कॉल हिस्ट्री में जितने भी नंबर थे, उन पर मैसेज और मेरी एडिटेड तस्वीर भेजी गई। इससे मैं काफी परेशान हो गई। फिर मैंने साइबर सेल में शिकायत की, लेकिन कुछ नहीं हुआ। जब तक आप रिप्लाई करोगे, तब तक वह आपको परेशान करेगा। मैंने घरवालों को भी उसके मैसेज का रिप्लाई करने से मना कर दिया। फिर मैंने वॉट्सऐप पर इस फ्रॉड के बारे में स्टेटस लगाया, जिसके बाद मैसेज आने बंद हो गए।”
कीर्ति ने हमें एक लोन रिकवरी एजेंट का ऑडियो भी भेजा, जिसमें कॉलर अभद्र और आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करते हुए पुलिस से भी नहीं डरने की बात कहता है।

फेक ऐप्स
राहुल ने Timely Purse नाम का लोन ऐप डाउनलोड किया था, जबकि कीर्ति ने ScoreClimb-Credit Growth app इंस्टॉल किया था। दोनों को पाकिस्तान (+92) के नंबरों से धमकी भरी कॉल आई थीं।
टाइमली पर्स लोन ऐप (Timely Purse Loan App)
यह ऐप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध नहीं है। यह एक थर्ड पार्टी ऐप है। गूगल पर सर्च करने पर हमें इसके बारे में कोई ज्यादा जानकारी नहीं मिली।
टाइमली पर्स लोन ऐप डॉउनलोड करने में यह कॉन्टैक्ट्स, कॉल लॉग, कैमरा डिवाइस, एसएमएस, लोकेशन, एक्सटर्नल स्टोरेज, फोन कॉल आदि के एक्सेस की परमिशन मांगता है।

इनका एक्सेस देने से साइबर अपराधी को यूजर की लोकेशन का पता चल सकता है। साथ ही डिवाइस में पड़े जरूरी दस्तावेज और फाइलें, कॉन्टैक्ट्स, कॉल हिस्ट्री तक उसकी पहुंच हो जाती है। ठग के पास यूजर का सारा डाटा चला जाता है।
ScoreClimb-Credit Growth app
इस ऐप को फ्रॉड बताते हुए एक यूजर ने गूगल सपोर्ट से इसे हटाने के लिए 6 अप्रैल को मैसेज किया था। इसके साथ में यूजर ने इस ऐप का स्क्रीनशॉट भी अटैच किया था। इसमें कई अन्य यूजर्स ने इस ऐप को फ्रॉड बताया था। फिलहाल इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया गया है। ऐप के डेवलपर का नाम BETA FINANCE AND TRADING PRIVATE LIMITED दिया गया है।

सर्च में हमें बीटा फाइनेंस एंड ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड की कोई वेबसाइट नहीं मिली, लेकिन इसके ऑफिस का पता मथुरा रोड दिल्ली का दिया गया है।
आरबीआई की 31 दिसंबर 2024 को जारी की गई नॉन बैंकिग फाइनेंशियल कॉरपोरेशन (NBFC) की लिस्ट में बीटा फाइनेंस एंड ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड का नाम भी शामिल है। हालांकि, इसमें इसका पता रोहित हाउस 3, टाल्सटॉय मार्ग, नई दिल्ली दिया गया है।
हमने दोनों जगह जाकर इसके ऑफिस के बारे में जानकारी की। मथुरा रोड वाले पते पर कंपनी के एमडी हरीश सेठ का घर है, जबकि रोहित हाउस वाले पते पर किसी और कंपनी का कार्यालय मिला। हरीश सेठ के पीए अशोक अग्रवाल का कहना है कि उनका किसी ऐप से कोई संबंध नहीं है और उनकी कंपनी करीब 10 साल से निष्क्रिय है।
Loan Raina-instant loan
इनके अलावा हमने ऐसे ही कुछ और फ्रॉड ऐप के बारे में भी सर्च किया। ऐसे ही एक ऐप Loan Raina-instant loan को भी फ्रॉड बताया गया है।
यह गूगल प्ले स्टोर पर नहीं है। इसे एप्पल से भी डिलीट कर दिया गया है।
इसकी डेवलपर कंपनी RAINA VYAPAAR PRIVATE LIMITED एनबीएफसी के तौर पर रजिस्टर्ड है।
RAINA VYAPAAR PRIVATE LIMITED की वेबसाइट (आर्काइव लिंक) पर पता पश्चिम बंगाल का दिया गया है। इसमें दिए गए नंबर पर कॉल करने पर कॉल नहीं लगी।
Finwessy App
Finwessy App भी गूगल प्ले स्टोर से हटाया जा चुका है।
इसकी भी वेबसाइट (आर्काइव लिंक) बनी हुई, लेकिन कोई एड्रेस या कॉन्टैक्ट नंबर नहीं दिया गया है।
Scorelytics-Credit Assistant
यह भी गूगल प्ले स्टोर से हटाया जा चुका है। इसके बारे में सर्च करने पर पता चला कि इस पर कंपनी का नाम E.K JOY INTERNATIONAL COMPANY LIMITED दिया गया है और पता थाईलैंड का है। इस कंपनी का एक और ऐप creditrack credit assistant भी था, जिसे गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया गया था। पहला ऐप 12 फरवरी 2025 को जारी हुआ था, जबकि दूसरा 4 जून 2025 को।
हांगकांग से दिए गए विज्ञापन
हमने 12 अगस्त 2025 को गूगल प्ले स्टोर पर इंस्टेंट लोन ऐप कीवर्ड से सर्च किया, तो टॉप 3 में LoanRadar-Cash Loan India का नाम दिखा। इसकी डेवलपर कंपनी का नाम NITI TECHNOLOGY LLP दिया गया है और पता दिल्ली का है। इसकी एनबीएफसी पार्टनर का नाम D O S Lease & Finance Pvt. Ltd. है। खास बात यह है कि इसका विज्ञापन हांगकांग की कंपनी Oilpainttrees Limited ने दिया है।

ऐप के रिव्यू में कुछ यूजर्स ने इससे ब्लैकमेल करने और धमकाने की बात कही है।

इसी तरह हमने 21 जुलाई 2025 को भी गूगल प्ले स्टोर पर इंस्टेंट लोन ऐप कीवर्ड से सर्च किया था, तो टॉप 3 में Credit Hisab और Pawram Loan Flex- Instant Loan के ऐप्स का विज्ञापन दिखा।
Pawram Loan Flex- Instant Loan ऐप के डेवलपर का नाम PAWRAM TRADING PRIVATE LIMITED दिया गया है। इनकी भागीदारी Udvai Traders Private Limited के साथ है, जो एनबीएफसी के तौर पर रजिस्टर है। इससे पहले इसका एक ऐप Pawram Loan ऐप भी लॉन्च हुआ था, जिसे बाद में गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया गया था।

PAWRAM की वेबसाइट (आर्काइव लिंक) पर नई दिल्ली के नेहरू प्लेस का पता दिया गया है।
Udvai Traders Private Limited की वेबसाइट (आर्काइव लिंक) के अनुसार, यह महाराष्ट्र के नागपुर में रजिस्टर्ड है।
जांच में पता चला कि इस ऐप का विज्ञापन भी हांगकांग की XMAN Hong Kong Limited कंपनी ने दिया है।

पावराम और उदवई ट्रेडर्स की वेबसाइट पर दिए गए नंबर पर कॉल करने पर पता चला कि वे मौजूद नहीं है। पावराम के दिल्ली स्थित कार्यालय पर जाकर पता चला कि वहां पर इस कंपनी के नाम से अप्रैल 2024 में स्पेस लिया गया था, जिसे करीब 11 माह बाद खाली कर दिया गया था।
ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड से दिए गए विज्ञापन
इसी तरह से Clear Credit:Credit Manager, Credit Hisab और Quick Funds के विज्ञापन ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड की कंपनी Inamob Global Pvt Limited ने दिए हैं। इनमें से Quick Funds ने खुद को लोन देने वाला ऐप बताया है, जबकि बाकी दोनों ने ऐसी कोई जानकारी नहीं दी। Clear Credit:Credit Manager के रिव्यू में यूजर्स ने इसे फेक लोन ऐप बताया है।

Quick Funds की डेवलपर कंपनी intellectual financial advisory private limited का पता मध्य प्रदेश के सतना का दिया गया है, जबकि इसकी एनबीएफसी पार्टनर D S G Investments Private Limited का पता दिल्ली का दिया गया है। इसके बवाजूद इसका विज्ञापन ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड की कंपनी ने दिया है।

50 हजार से ज्यादा डाउनलोड वाले ऐप्स भी
पिछले दो साल से इस तरह की फेक ऐप्स की छानबीन कर रहे राजस्थान के चुरू के बाबू लाल पुनिया का कहना है कि गूगल प्ले स्टोर पर वर्तमान समय में इस तरह के 25 से 30 फेक लोन ऐप्स मौजूद हैं।

उन्होंने हमें कुछ संदिग्ध ऐप्स की लिस्ट भी भेजी, जिनमें से कुछ गूगल प्ले स्टोर से हटाए जा चुके हैं। इनमें अधिकतर ऐप्स के रिव्यू में इनको फेक बताया गया है।

हमने इस लिस्ट में दिए गए ऐप्स के बारे में सर्च किया, तो पता चला कि कई ऐप्स की डिस्क्रिप्शन में कहीं नहीं लिखा कि वे लोन देते हैं। कुछ ईएमआई कैलकुलेटर, तो कुछ लोन कैलकुलेटर, जबकि एक ऐप में तो बॉडी मॉस इंडेक्स (बीएमआई) कैलकुलेटर दिया गया था।
यहां देखें संदिग्ध ऐप्स की लिस्ट और उनसे जुड़ी कंपनियों की जानकारी। इसे देखकर पता चलता है कि कई ऐप्स ने तो खुद को लोन कैलकुलेटर या ईएमआई कैलकुलेटर बताया हुआ है।
एनबीएफसी पार्टनर की गलत जानकारी दी
इनमें से Sarvatra Kash – Pro : Finance ऐप ने अपना एनबीएफसी पार्टनर PKF Finance Limited को बताया है, लेकिन पीकेएफ की वेबसाइट पर दिया गया है कि उसका किसी ऐप के साथ कोई लिंक नहीं है। हमने जब उसके कस्टमर केयर नंबर पर बात की तो कॉलर ने हमें बताया कि न तो उनका कोई ऐप है और न ही उनका किसी लोन ऐप के साथ टाईअप है।

एक डिलीट होने के बाद दूसरा लॉन्च
लिस्ट को देखने से पता चलता है कि कुछ डेवलपर कंपनियां तो ऐसी हैं, तो जिनके एक ऐप हटाए जाने के बाद उनका दूसरा ऐप लॉन्च हो जाता है। जैसे इके जॉय इंटरनेशनल कंपनी लिमिटेड, बेंस्लीमन देव (BenslymanDev), जगदीस्वर परीदा (JAGADISWVAR PARIDA), मिलिनेयर क्लब फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड (MILLIONAIRE CLUB FINANCE PRIVATE LIMITED), कैश फॉर गोल्ड प्राइवेट लिमिटेड (CASH FOR GOLD PRIVATE LIMITED), कोरपस फिनसर्वी कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड (CORPUS FINSERVE CONSULTANTS PRIVATE LIMITED) और फ्लोरा कॉरपोरेशन लिमिटेड (FLORA CORPORATION LIMITED)।

ऐसे आते हैं रैकिंग में
पुनिया का कहना है कि अगर एक ऐप शिकायतें मिलने के बाद गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया जाता है,तो कंपनी तुरंत नाम बदलकर दूसरा ऐप लॉन्च कर देती है। ऐप लॉन्च हुई तो फेक रिव्यूज व रेटिंग और विज्ञापन के सहारे टॉप ऐप्स के बीच में आ जाती है। इससे लोगों को यह सही लगती है और डाउनलोड करने लगते हैं। इसके बाद उसकी रैंकिंग और ऊपर आ जाती है।

13 जून 2025 को इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) ने एक्स पर पोस्ट कर कुछ ऐप्स को फेक बताया था। इनके नाम हैं-
– Invoicer Experts (FineLab Developers)
– Loan Raina-instant Loan online
– Gupta Credit – Safe & Handy
– GraneSwift
– LoanQ।Financial Calculator (FineLab Developers)
– CreditEdge
– Ultimate Lend
– SmartRich Pro
– CreditLens- CreditLens
– Cash Loan – EMI Calculator
ऐसे पता करें फ्रॉड ऐप्स के बारे में
पुनिया ने बताया कि इस तरह के ऐप्स बहुत तेजी से रैकिंग में आते हैं। इनको विज्ञापन के जरिए ऊपर लाया जाता है। कुछ दिन में ही ये टॉप पर आ जाते हैं।

इस तरह काम करता है अपराधियों का नेटवर्क
चंडीगढ़ में 2022 में इंस्टेंट लोन ऐप ह्यूगो से ठगी का मामला सामने आया था। उस केस के जांच अधिकारी इंस्पेक्टर रोहिताश यादव का कहना है कि यह एक ऑर्गेनाइज्ड क्राइम है। इसमें ऐप किसी और ने बनाया। वह अकाउंट्स और ब्लैकमेलिंग का काम अलग-अलग लोगों को देता है। ब्लैकमेलिंग का काम किसी कॉल सेंटर को दिया जाता है, तो अकाउंट अरेंज करने का काम किसी और का होता है।

उन्होंने कहा कि ऐसे ऐप के ऑनलाइन विज्ञापन पॉप अप की तरह आते हैं। वह पैसे के ट्रांजैक्शन के सहारे अकाउंट होल्डर तक पहुंचे। इसी तरह से जिस नंबर से कॉल आई थी, उसके आईपी एड्रेस से पता किया तो यह नोएडा के कॉल सेंटर का निकला था। इस मामले में उन्होंने करीब 30 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें एक चीनी नागरिक भी था। उन्होंने कहा कि चीन से यह ऐप चल रहा था। भारत में डमी कंपनियों के जरिए इनके पैसों की ट्रांजैक्शन होती थी। अकाउंट को कमीशन या किराये पर ये लोग लेते थे।

इस तरह से होता है पैसे का ट्रांजैक्शन
ईडी ने 13 नवंबर 2024 को लोन ऐप्स से जुड़े मामले में तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली से दो चीनी नागरिकों को गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला था कि कुछ चीनी नागरिकों ने 2020 में M/s Toucolor Technologies Private Limited और M/s Truekindle Technology Private Limited नामक कंपनी बनाई थी। उन्होंने कंपनी के दो कर्मचारियों को जबरन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाकर डमी डायरेक्टर भी बना दिया था। हालांकि, पूरा कारोबार चीनी नागरिकों द्वारा चलाया जा रहा था। कंपनी मोबाइल ऐप के जरिए ऑनलाइन शॉर्ट टर्म इंस्टेंट लोन मुहैया करा रही थी।
जांच में पता चला था कि इन चीनी नागरिकों ने भारतीय डमी डायरेक्टरों की पहचान का उपयोग करके ऑनलाइन प्लेटफॉर्म वजीरएक्स पर क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट/खाते बनाए। अगस्त 2020 से दिसंबर 2020 की अवधि के दौरान इन वॉलेट्स में क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से 3.54 करोड़ रुपये की राशि लाई गई, जिसे बाद में भारतीय बैंक खातों में रुपये में निकाल लिया गया। बाद में इस पैसे का उपयोग लोन देने के लिए किया गया। इसके बाद लोगों से जमा की गई 5.02 करोड़ रुपये की राशि भारतीय बैंक खातों में जमा हुई। वहां से इसको क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट/खातों में जमा कर दिया गया। इस राशि को आगे क्रिप्टोकरेंसी में परिवर्तित किया गया और बाद में देश के बाहर विभिन्न क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट्स के माध्यम से निकाल लिया गया।

केंद्र सरकार का कदम
18 दिसंबर 2023 को लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा था कि अप्रैल 2021 से जुलाई 2022 के दौरान गूगल ने अपने प्ले स्टोर से 2500 से ज्यादा फर्जी लोन ऐप्स को हटाया था।
आठ माह पहले दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर छपी खबर के अनुसार, केंद्र सरकार ने बिना इजाजत लोन देने वाले ऐप्स पर अंकुश लगाने के लिए प्रस्ताव रखा है। इसके तहत अन ऑथोराइज्ड लोन देने पर 7 से 10 साल की जेल और 2 लाख से लेकर एक करोड़ रुपए तक के जुर्माने के साथ ही लोन के लिए अगर बलपूर्वक वसूली के तरीके अपनाए जाते हैं, तो 3 से 10 साल तक की जेल की सजा का प्रस्ताव दिया गया है।

आरबीआई ने जारी की लिस्ट
आरबीआई ने जुलाई की शुरुआत में 1600 से ज्यादा डिजिटल लेंडिंग ऐप्स की लिस्ट जारी की थी।
इस बारे में हमने गूगल से मेल के जरिए कुछ सवालों के जवाब मांगे हैं, जिनका जवाब आने के बाद खबर को अपडेट कर दिया जाएगा।
एफआईआर जरूर कराएं
पूर्व आईपीएस एवं साइबर एक्सपर्ट प्रो. त्रिवेणी सिंह का कहना है कि इंस्टेंट लोन वाले ऐप्स से इस तरह की धोखाधड़ी हो रही है। जब यूजर ऐप को इंस्टॉल करता है, तो फोन कॉल, कॉल हिस्ट्री समेत तमाम अन्य जरूरी परमिशन दे देता है, जिससे यूजर के फोन का डाटा उसके पास चला जाता है। यह उसके सर्वर में डाउनलोड हो जाता है। अगर यूजर उस ऐप को डिलीट या फोन को फॉर्मेट कर भी देता है ,तो भी अपराधी परेशान कर सकता है।

सावधानी बरतें
उन्होंने कहा, अगर इन्वेस्टेमेंट की सलाह को देखते हुए कोई ऐप इंस्टॉल कर रहे हैं, तो पहले उसकी पूरी तहकीकात कर लीजिए। अगर किसी बैंक का ऐप या किसी कंपनी का ऐप है तो उसके बारे में गूगल सर्च कर लें। अगर कोई फेक या फ्रॉड ऐप होगा तो अन्य यूजर्स ने उसके बारे में रिव्यू जरूर दिया होगा। केवल ऐप रेटिंग देखकर या शुरू के रिव्यू देखकर किसी ऐप को डाउनलोड न करें।
उन्होंने बताया, ऐसे मामलों में कॉल पर धमकी देने वाले अक्सर वीपीएन नंबर्स का इस्तेमाल करते हैं मतलब नंबर पाकिस्तान का होगा और कॉल थाईलैंड या बर्मा से कर रहे होंगे। इस तरह की कोई भी कॉल आने पर घबराएं नहीं। अगर इस तरह की कोई कॉल या मैसेज आएं, तो इसको नजरअंदाज कर दें। साइबर अपराधी ज्यादा समय तक आपको फॉलो नहीं करेगा। इसके साथ ही 1930 पर कॉल करें और साइबर क्राइम डॉट जीओवी डॉट इन पर शिकायत दर्ज कराएं, लेकिन यहां तक केवल 25 फीसदी काम पूरा होता है। इसके बाद नजदीकी साइबर थाने में एफआईआर जरूर कराएं।

गूगल प्ले स्टोर पर करें फ्लैग
अगर यूजर को ऐप को लेकर कोई समस्या सामने आती है, तो वह गूगल प्ले पर जाकर इसके बारे में रिपोर्ट कर सकता है।

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