40 करोड़ का नुकसान, हाईकोर्ट ने DGP से मांगा जवाबरायपुर। छत्तीसगढ़ में Dial-112 सेवा के लिए खरीदे गए सैकड़ों पुलिस वाहन लंबे समय तक बेकार खड़े रहे। इन वाहनों की कीमत लगभग ₹40 करोड़ बताई जा रही है। मामला अब हाईकोर्ट तक पहुँच गया है और अदालत ने सीधे DGP से जवाब माँगा है।
- अगस्त 2023 में राज्य सरकार ने Dial-112 सेवा के लिए करीब 400 नए वाहन खरीदे।
- अप्रैल 2025 में और 325 वाहन खरीदे गए।
- लेकिन जांच में सामने आया कि नए वाहन तैनात नहीं हुए, बल्कि पुराने वाहनों की मरम्मत करके इस्तेमाल किया गया।
- नतीजा: करोड़ों रुपये खर्च के बावजूद गाड़ियाँ पार्किंग में धूल खाती रहीं।
⚖️ हाईकोर्ट की सख्ती
- हाईकोर्ट ने इस मामले का स्वयं संज्ञान (Suo Motu Cognisance) लिया।
- अदालत ने DGP से कहा है कि वे व्यक्तिगत हलफनामा (Affidavit) दाखिल करें और बताएँ कि:
- वाहन बेकार क्यों पड़े रहे?
- प्रशासनिक निर्णयों में इतनी देरी क्यों हुई?
- इस नुकसान की जिम्मेदारी किसकी है?
👉 यह मामला केवल “लापरवाही” का नहीं, बल्कि इसमें बड़ी गड़बड़ी / घोटाले की बू आ रही है।
👉 करोड़ों रुपये जनता के कर से खर्च हुए, लेकिन गाड़ियाँ जनता की सेवा में नहीं लगीं।
👉 सवाल उठता है — क्या यह सिर्फ सिस्टम की सुस्ती है, या इसके पीछे कोई संगठित भ्रष्टाचार है?
📅 अगली सुनवाई
हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 8 अक्टूबर 2025 तय की है। तब तक पुलिस प्रमुख को अपना विस्तृत जवाब अदालत में देना होगा।
