नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। यमन के नागरिक तलाल अब्दो की हत्या के मामले में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की मौत की सजा टल जाने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स ‘सेव निमिषा प्रिया’ अभियान के तहत एक इन्फ्रोग्राफिक्स को शेयर करते डोनेशन या दान की मांग कर रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि निमिषा प्रिया को बचाने के लिए सीधे भारत सरकार के अधिकृत खाते में दान या डोनेशन की रकम ट्रांसफर कर सकते हैं। इस कथित अभियान के जरिए 8.3 करोड़ रुपये की मदद जुटाए जाने की अपील की जा रही है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को फेक पाया। भारत सरकार ने निमिषा प्रिया की मदद के लिए किसी डोनेशन की अपील नहीं की है और न ही इसके लिए किसी अधिकृत बैंक खाता के विवरण को शेयर किया है। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी डोनेशन की इस अपील को फेक बताया है।

क्या है वायरल?

एक्स यूजर ‘Dr KA Paul’ ने अपने आधिकारिक हैंडल (आर्काइव लिंक) से पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा है, “Donate directly to Save Nimisha to the Government of India account designate . We need 8.3 crore rupees .”

पड़ताल

बीबीसी.कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या के मामले में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को मौत की सजा दी जानी थी, जिसे अंतिम समय पर टाल दिया गया और फिलहाल इसकी नई तारीख के बारे में कुछ नहीं बताया गया है।

एक अगस्त 2025 की ‘द हिंदू’ की रिपोर्ट के मुताबिक, “विदेश मंत्रालय ने यमन में भारतीय नागरिक निमिषा प्रिया की फांसी की सजा स्थगित किए जाने की पुष्टि के साथ ही लोगों और मीडिया से इस मामले पर असत्यापित रिपोर्ट्स और गलत सूचनाओं को साझा न करने की अपील की थी।”

इस मामले में भारतीय विदेश मंत्रालय की भूमिका को देखते हुए हमने विदेश मंत्रालय के आधिकारिक हैंडल को चेक किया और वहां हमें ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली, जिसमें डोनेशन की अपील की गई हो। सर्च में हमें विदेश मंत्रालय के आधिकारिक फैक्ट चेक हैंडल से साझा किया हुआ पोस्ट मिला, जिसमें निमिषा प्रिया के लिए डोनेशन के जरिए 8.3 करोड़ रुपये की मदद राशि को जुटाए जाने की अपील को फेक बताया गया है।

‘Dr KA Paul’ के पोस्ट को फेक बताते हुए ‘@MEAFactCheck’ ने लिखा है, “हमने सोशल मीडिया पर निमिषा प्रिया मामले में भारत सरकार के आधिकारिक बैंक खाते में धन जमा करने की मांग से संबंधित दावे को देखा है। यह फेक दावा है।”

वायरल पोस्ट को लेकर विश्वास न्यूज ने विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल से भी संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया, “यह पूरी तरह से फेक है।”

वायरल इन्फोग्राफिक्स में जिस बैंक खाते का विवरण दिया गया है, वह “PR CCA, Ministry of External Affairs” के नाम से पंजीकृत है। विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, पीआर सीसीए का संदर्भ प्रिंसिपल चीफ कंट्रोलर ऑफ अकाउंट्स से है, जो संबंधित मंत्रालयों में वित्तीय लेनदेन और अकाउंटिंग का काम देखता है।

विदेश मंत्रालय को कवर करने वाले सीनियर टीवी जर्नलिस्ट मधुरेंद्र कुमार बताते हैं, “कोई भी व्यक्ति इस तरह से किसी के खातों को सार्वजनिक कर डोनेशन या दान की अपील कर सकता है।” उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से ऐसा कोई डोनेशन कैंपेन नहीं चलाया जा रहा है और विदेश मंत्रालय ने भी अपने फैक्ट चेक हैंडल से इसका खंडन किया है।

निमिषा प्रिया को लेकर सोशल मीडिया पर अक्सर ऐसे दावे वायरल होते रहे हैं। 30 जुलाई 2025 की रिपोर्ट के मुताबिक, “विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा है कि निमिषा प्रिया की मौत की सजा रद्द किए जाने का दावा गलत है।” इसके साथ ही मंत्रालय ने, “लोगों से इस संवेदनशील मामले पर गलत सूचना और अटकलों से बचने का आग्रह किया था।”

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, “सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल’ ने निमिषा को बचाने के लिए दान के जरिए धन जुटाया है।” इसी संगठन की मदद से निमिषा की मां प्रेमा कुमारी ने भारत सरकार से विशेष अनुमति हासिल की और अप्रैल 2024 में यमन चली गईं और उसी साल संगठन ने महदी परिवार के साथ बातचीत की व्यवस्था करने के लिए भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा नियुक्त यमनी वकील के खाते में दो किस्तों में चालीस हजार डॉलर का भुगतान किया।

रिपोर्ट में सेव निमिषा प्रिया काउंसिल के सदस्य बाबू जॉन का बयान है, जिसमें उन्होंने कहा है, “हम महदी परिवार को उसके लिए 8.5 करोड़ रुपये (करीब 10 लाख अमेरिकी डॉलर) तक की ‘ब्लड मनी’ देने को तैयार हैं। लेकिन महदी परिवार ने ब्लड मनी के संबंध में कोई शर्त नहीं रखी है। उनकी निमिषा को माफ करने में कोई दिलचस्पी नहीं है।”

वायरल पोस्ट को फेक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर बीस हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: भारत सरकार ने निमिषा प्रिया की मदद के लिए 8.3 करोड़ रुपये की मदद राशि जुटाए जाने के उद्देश्य से किसी डोनेशन कैंपेन या अभियान की शुरुआत नहीं की है और न ही इसके लिए किसी अधिकृत बैंक खाता का विवरण शेयर किया गया है। इस दावे से सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट फेक है।

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