रायपुर/बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में डिजिटल ठगों का जाल दिन-ब-दिन गहराता जा रहा है। राज्य में पिछले 18 महीनों में ही 1301 साइबर अपराध दर्ज किए गए हैं, जिनमें लोगों से 107 करोड़ रुपये की ठगी हो चुकी है!हर 20 मिनट में एक नया साइबर अपराध, हर घंटे एक नया शिकार — यही है छत्तीसगढ़ की नई डिजिटल हकीकत।साइबर ठग अब पुराने तरीकों से आगे बढ़ चुके हैं।अब वे इस्तेमाल कर रहे हैं AI-Generated Apps, फर्जी Matrimonial Websites, और UPI Payment Links का जाल।कई मामलों में चीनी नेटवर्क से जुड़े म्यूल बैंक अकाउंट्स के ज़रिए धन विदेश भेजा जा रहा है।पुलिस ने हाल ही में ऑपरेशन साइबर शील्ड चलाकर चार बड़े आरोपियों को पकड़ा है, जिनके जरिए करोड़ों की ठगी का काला नेटवर्क उजागर हुआ।इनमें रायपुर, बिलासपुर, ओडिशा और गुजरात के युवक शामिल थे।
आंकड़े डराने वाले हैं
* 18 महीनों में ठगी: ₹107 करोड़
* बरामद राशि: केवल ₹3.36 करोड़
* कुल दर्ज केस:1301
* हर 20 मिनट में एक साइबर फ्रॉड!
क्या कहती है पुलिस?
राज्य पुलिस का कहना है कि अधिकांश शिकायतें **फर्जी बैंक लोन, ऑनलाइन जॉब ऑफर, इनवेस्टमेंट स्कीम**, और **कस्टमर केयर कॉल** से जुड़ी हैं।
साइबर सेल अब प्रत्येक जिले में स्पेशल ट्रैकिंग यूनिट बना रही है।
सुराग का सवाल
क्या डिजिटल इंडिया की रफ्तार के साथ साइबर ठग भी उतनी ही तेजी से नहीं बढ़ रहे? क्या जनता को अब अपने ही मोबाइल से डरने का वक्त आ गया है?सुराग न्यूज़ की टीम इस पर लगातार नज़र रखे हुए है क्योंकि हमारा वादा है: सच्चाई के हर सुराग तक हम ज़रूर पहुँचेंगे!
