हाल ही में छत्तीसगढ़ में एक इंजीनियर की हत्या का सनसनीखेज़ मामला सामने आया, जिसमें खुलासा हुआ कि वह एक मैट्रिमोनियल साइट और दिल्ली की गर्लफ्रेंड के जाल में फंस गया था। यह अकेला मामला नहीं है—राज्यभर में ऐसे कई लोग धोखाधड़ी, ठगी और फर्जी रिश्तों का शिकार हो चुके हैं।

समस्या क्या है

छत्तीसगढ़ में कई मैट्रिमोनियल एजेंसियाँ और ऑनलाइन साइट्स बिना किसी सरकारी निगरानी या कानूनी पंजीकरण के चल रही हैं।
इनका इस्तेमाल पैसे वसूलने, ठगी करने, ब्लैकमेलिंग और फर्जी पहचान बनाकर धोखा देने तक हो रहा है।
पीड़ित लोग शिकायत करने पर स्पष्ट कानून और नियामक व्यवस्था न होने** की वजह से न्याय पाने में कठिनाई झेलते हैं।

जनता की राय

लोगों का कहना है कि अगर मैट्रिमोनियल एजेंसियों को नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह “रिश्तों का कारोबार” अपराध का अड्डा बन सकता है।

हमारी मांगें सुराग न्यूज़ की अपील

1. राज्य सरकार और पुलिस तत्काल छत्तीसगढ़ में चल रही सभी मैट्रिमोनियल एजेंसियों और वेबसाइट्स की पूरी जांच करें।
2. सभी एजेंसियों के लिए अनिवार्य पंजीकरण और लाइसेंसिंग सिस्टम लागू किया जाए।
3. पीड़ित लोगों की शिकायतों की सुनवाई के लिए विशेष सेल बनाया जाए।
4. धोखाधड़ी में पकड़ी गई एजेंसियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।
5. जनता को जागरूक करने के लिए पब्लिक एडवाइजरी अभियान चलाया जाए।

सुराग न्यूज़ का बड़ा सवाल

क्या छत्तीसगढ़ पुलिस और सरकार इन एजेंसियों को अब भी बिना जांच खुलेआम चलने देगी ?
या फिर जल्द ही एक सख्त कार्रवाई की शुरुआत होगी ताकि कोई और जिंदगी ठगी और धोखे का शिकार न बने?

सुराग न्यूज़ इस पूरे मामले पर लगातार नजर रखेगा और जनता की आवाज प्रशासन तक पहुँचाता रहेगा।

 

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